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हर चीज को हर व्यक्ति अपने नजरिये से देखता है..ये नजरिया ही उसकी सोच उसकी आइडियोलॉजी का सूचक होता है..कुछ लोग परछाईं को भी भूत समझते हैं..छोटी सी बात का बतंगड़ बनाते हैं..दूसरों की फटी में टांग अड़ाते हैं..घरवालों, पड़ोसियों, दोस्तों का दुख दिखता नहीं, दुनिया की फिक्र करते हैं..ऐसे ही ढकोसलेबाजों में हम भी हैं, हमे भी सीधा दिखाई नहीं देता..क्या करें मंद बुद्धि है..ले देकर पास हुए है किसी तरह..इस ब्लॉग पर माल चोरी करके डालेंगे..आपको पसंद आए तो पढ़ना वरना...चादर तान कर सो जाना आपका शोभाराम
क्या बात है सर शोभाराम जी ....आपने अपने व्यंग से शोभा का अंबार लगा दिया है। आशा करता हूं कि चिठ्ठा जगत पर आपके पोस्ट जब लोग पढ़ेंगे तो एक दब हिट साबित होगा। एक दम वैसे ही जैसे थ्री इडिएट बॉक्स ऑफिर पर हिट हो चुकी है। पहले ही हफ्ते में आपके सैकड़ों फॉलोवर बन जाएंगे। बाकी आपके प्रचार में मैं लग गया हूं...सबको कहता हूं..उळ्टी खोपड़ी पढ़ा करो...
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